शब्द
शब्द मधुर औ स्नेहयुक्त हो ,
ग्लानि , भय ,छल , कपट
ईर्ष्या , निंदा का न ओदे पट ,
दम्भ ,द्वेष , अभिमान रहित हो l शब्द मधुर ओं ---------
भ्रम का समावेश न हो ,
गुमराही का सन्देश न हो ,
मार्गो का उचित दर्शन हो ,
मान न किसी का मर्दन हो ,
कटुता औ वैमनष्यता से
सब भाति ,रहित औ मुक्त हो l शबद मधुर औ ----------
शब्द शोर नहीं
न जाने नृत्य ,
वह मोर नहीं ,
बिनु , उषा आये भोर नहीं l
संस्कृति एवम सभ्यता से सर्वदा संयुक्त हों l शब्द मधुर औ -------
शब्द भाव मापक है ,
भाषा का मानक है ,
व्यक्तित्व परिचायक है ,
नाविक का शायक है ,
हृदय के भावो को करता नित व्यक्त हो l शब्द मधुर औ -----------
शब्द ही अज्ञान तिमिर को हटाता है ,
भाव कुञ्ज कलिका को ,
शब्द ही चटकाता है ,
शब्द ही मानव को ,
देवता बनाता है l
अशुभ वेशधारी शिव को ,
महादेव बनाता है l
काक पिक का अन्तेर तो शब्द से अभिव्यक्त है l
शब्द मधुर ओं स्नेह युक्त हो l
शब्द मधुर औ स्नेहयुक्त हो ,
ग्लानि , भय ,छल , कपट
ईर्ष्या , निंदा का न ओदे पट ,
दम्भ ,द्वेष , अभिमान रहित हो l शब्द मधुर ओं ---------
भ्रम का समावेश न हो ,
गुमराही का सन्देश न हो ,
मार्गो का उचित दर्शन हो ,
मान न किसी का मर्दन हो ,
कटुता औ वैमनष्यता से
सब भाति ,रहित औ मुक्त हो l शबद मधुर औ ----------
शब्द शोर नहीं
न जाने नृत्य ,
वह मोर नहीं ,
बिनु , उषा आये भोर नहीं l
संस्कृति एवम सभ्यता से सर्वदा संयुक्त हों l शब्द मधुर औ -------
शब्द भाव मापक है ,
भाषा का मानक है ,
व्यक्तित्व परिचायक है ,
नाविक का शायक है ,
हृदय के भावो को करता नित व्यक्त हो l शब्द मधुर औ -----------
शब्द ही अज्ञान तिमिर को हटाता है ,
भाव कुञ्ज कलिका को ,
शब्द ही चटकाता है ,
शब्द ही मानव को ,
देवता बनाता है l
अशुभ वेशधारी शिव को ,
महादेव बनाता है l
काक पिक का अन्तेर तो शब्द से अभिव्यक्त है l
शब्द मधुर ओं स्नेह युक्त हो l
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